जिस दिन मौन टूटा प्रलय का बुलावा खड़ा होगा तुम्हारे द्वार पर। जिस दिन मौन टूटा प्रलय का बुलावा खड़ा होगा तुम्हारे द्वार पर।
उपेक्षित अपनों के बीच उपेक्षित अपनों के बीच
रंगीन चश्मों से मत देखना मुझे रंगीन चश्मों से मत देखना मुझे
अस्तित्व क्या ? तेरे जीवन में मेरा !! एहसास तुझे भी हुआ , और मुझे भी , अस्तित्व क्या ? तेरे जीवन में मेरा !! एहसास तुझे भी हुआ , और मुझे भी ,
नाम में क्या रखा है! नाम में क्या रखा है!
सुबह जीवन की सार्थकता है... सुबह जीवन की सार्थकता है...